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Sunday, 18 March 2018

सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 (भाग - 4)


जहाँ, इस अधिनियम के अधीन अभिलेख या उसके किसी भगा तक पहुंच अपेक्षित है और ऐसा व्‍यक्ति, जिसको पहुंच उपलब्‍ध कराई जानी है, संवेदनात्‍मक रूप से नि:शक्‍त है, वहां यथास्थिति, केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी या राज्‍य लोक सूचना अधिकारी के लिये ऐसी सहायता कराना भी सम्मिलित है, जो समुचित हो । 

जहाँ, सूचना तक पहुंच मुद्रित या किसी इलेक्‍ट्रानिक रूप विधान में उपलब्‍ध कराई जानी है, वहां आवेदक, उपधारा (6) के अधीन रहते हुए, ऐसी फीस का संदाय करेगा, जो विहित की जाए :

परंतु धारा 6 की उपधारा (1) और धारा 7 की उपधारा (1) और उपधारा (5) के अधीन विहित फसी युक्तियुक्‍त होगी और ऐसे व्‍यक्तियों से, जो गरीबी की रेखा के नीचे हैं, जैसा समुचित सरकार द्वारा अवधारित किया जाएं, कोई फीस प्रभारित नहीं की जाऐगी ।

उपधारा (5) में किसी बात के होते भी, जहाँ कोई लोक प्राधिकारी उपधारा (1) में विनिर्दिष्‍ट समय-सीमा का अनुपालन करने में असफल रहता है, वहां सूचना के लिये अनुरोध करने वाले व्‍यक्ति को प्रभार के बिना सूचना उपलब्‍ध कराई जाएगी ।

उपधारा (1) के अधीन कोई विनिश्‍चय करने से पूर्व, यथास्थिति, केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी या राज्‍य लोक सूचना अधिकारी धारा 11 के अधीन पर व्‍यक्ति द्वारा किए गए अभ्‍यावेदन को ध्‍यान में रखेगा ।

जहाँ, किसी अनुरोध को धारा (1) के अधीन अस्‍वीकृत किया गया है, वहां यथास्थिति, केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी या राज्‍य लोक सूचना अधिकारी अनुरोध करने वाले व्‍यक्ति को – ऐसी अस्‍वीकृति के लिये कारण; वह अवधि, जिसे भीतर ऐसी अस्‍वीकृति के विरुद्ध कोई अपील की जा सकेगी; और अपील प्र‍ाधिकारी की विशिष्‍टयाँ, संसूचित करेगा ।

किसी सूचना को साधारणतया उसी प्रारूप में उपलब्‍ध कराया जाएगा, जिसमें उसे मांगा गया है, जब तक कि वह लोक प्रधिकारी के स्‍त्रोतों को अनपाती रूप से विचलित न करता हो या प्रश्‍नगत अभिलेख की सुरक्षा या संरक्षण के प्रतिकूल न हो ।

सूचना के प्रकट किये जाने से छूट – इस अधिनियम में अंतर्विष्‍ट किसी बात के होते हुए भी, व्‍यक्ति को निम्‍नलिखित सूचना देने की बाध्‍यात नहीं होगी –
          (क) सूचना, जिसके प्रकटन से भारत की प्रभुता और अखंडता, राज्‍य की सुरक्षा, रणनीति, वैज्ञानिक या आर्थिक हित, विदेश से संबंध पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता हो या किसी अपराध को करने का उद्दीपन होता हो;
          (ख) सूचना, जिसके प्रकाशन को किसी न्‍यायालय या अधिकारण द्वारा अभिव्‍यक्त रूप से निषिद्ध किया गया है या जिसके प्रकटन से न्‍यायालय का अवमान होता है;
          (ग) सूचना, जिसके प्रकटन से संसद या किसी राज्‍य के विधान मंडल के विशेषाधिकार का भंग कारित होगा;

सूचना, जिसमें वाणिज्यिक विश्‍वास, व्‍यापार गोपनीयता या बौद्धिक संपदा सिम्‍मलित है, जिसके प्रकटन से किसी पर व्‍यक्ति की प्रतियोगी स्थिति को नुकसान होता है, जब तक कि सक्षम प्राधिकारी का यह समाधन नहीं हो जाता है कि ऐसी सूचना के प्रकटन से विस्‍तृत लोक हित का समर्थन होता है; आद‍ि

(Word Count - 452)

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