अतिरिक्त वाद का वर्जन – जहां वादी किसी विशिष्ट वाद-हेतुक के संबंध में अतिरिक्त वाद संस्थित करने से नियमों द्वारा प्रवारित है वहां वह किसी ऐसे न्यायालय में जिसे यह संहिता लागू है, कोई वाद ऐसे वाद-हेतुक के संबंध में संस्थित करने का हकदार नहीं होगा ।
विदेशी निर्णय कब निश्चायक नहीं होगा – विदेशी निर्णय, उसके पक्षकारों के बीच या उसी हक से अधीन मुकदमा करने वाले ऐसे पक्षकारों के बीच, जिनसे व्युत्पन्न अधिकार के अधीन वे या उनमें से कोई दावा करते है, प्रत्यक्षत: न्यायानिर्णीत किसी विषय के बारे में वहां के सिवाय निश्चयात्मक होगा ।
विदेशी निर्णयों के बारे में उपधारणा – न्यायालय किसी ऐसे दस्तावेज के पेश किए जाने पर जो विदेशी निर्णय की प्रमाणित प्रति होना तात्पर्यित है यदि अीिालेख के इसके प्रतिकूल प्रतीत नहीं होता है तो यह उपधारणा करेगा कि ऐसा निर्णय सक्षम अधिकारिता वाले न्यायालय द्वारा सुनाया गया था किंतु ऐसा उपधारणा को अधिकारिता का अभाव साबित करके विस्थापित किया जा सकेगा ।
वह न्यायालय जिसमें वाद संस्थित किया जाए – हर वाद उस निम्नतम श्रेणी के न्यायालय में संस्थित कया जाएगा जो उसका विचारण करने के लिए सक्षम है ।
वादों का वहाँ संस्थित किया जाना जहां विषय–वस्तु स्थित है – किसी विधि द्वारा विहित धन-संबंधी या अन्य परिसीमाओं के अधीन रहते हुए, वे वाद जो –
(क) भाटक या लाभों के सहित या रहित स्थावन के प्रत्युद्धरण के लिए,
(ख) स्थावर संपत्ति के विभाजन के लिए,
(ग) स्थावर संपत्ति के बंध की या उस पर के भार की दशा में पुरोबंध, विक्रय या मोचन के लिए,
(घ) स्थावर संपत्ति में के किसी अन्य अधिकार या हित के अवधारण के लिए,
(ङ) स्थावर संपित्त के प्रति किए गए दोष के लिए प्रतिकर के लिए,
(च) करस्थम् या कुर्की के वस्तुत ; अधीन जगम संपत्ति के प्रत्युद्धरण के लिए हैं,
उस न्यायालय में संस्थित किए जाएंगे जिसकी अधिकारिता की स्थानीय सीमाओं के भीतर वह संपत्ति स्थित है
परंतु प्रतिवादी के द्वारा या निमित्त धारित स्थावर संपत्ति के संबंध में अनुतोष की या ऐसी संपत्ति के प्रति किए गए दोष के लिए प्रतिकर की अभिप्राप्ति के लिए वाद, जहाँ चाहा गया अनुतोष उसके स्वीय आज्ञानुवर्तन के द्वारा पूर्ण रूप से अभिप्राप्त किया जा सकता है, उस न्यायालय में जिसकी अधिकारिता की स्थानीय सीमाओं के भीतर संपत्ति स्थित है या उस न्यायालय में जिसकी अधिकारिता की स्थानीय सीमाओं के भीतर प्रतिवादी वास्तव में और स्वेच्छा से निवास करता है या कारबार करता है या अभिलाभ के लिए स्वयं काम करता है, संस्थित किया जा सकेगा ।
विभिन्न न्यायालयों की अधिकारिता के भीतर स्थित स्थाव संपत्ति के लिए वाद – जहाँ वाद विभिन्न न्यायालयों की अधिकारिता के भीतर स्थित स्थाव संपित्त के संबंध में अनुतोष की या ऐसी संपत्ति के प्रति किए गए दोष के लिए प्रतिकर की अभिप्राप्ति के लिए है वहाँ वह वाद किसी भी ऐसे न्यायालय में संस्थित किया जा सकेगा जिसकी अधिकारिता की स्थानीय सीमाओं के भीतर संपत्ति का कोई भाग स्थित है :
परंतु यह तब जबकि पूरा दावा उस वाद की विषय-वस्तु के मूल्य की दृष्टि से ऐसे न्यायालय द्वारा संज्ञेय है ।
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