शासकीय गुप्त बात अधिनियम, 1923 (1923 का 19) में, उपधारा (1) के अनुसार अनुज्ञेय किसी छूट में किसी बात के होते हुए भी, किसी लोक प्राधिकारी को सूचना तक पहुंच अनुज्ञात की जा सकेगी, यदि सूचना के प्रकटन में लोक हित, संरक्षिति हितों के नुकसान से अधिक है ।
उपधारा (1) के खंड (क), खंड (ग) और खंड (झ) के उपबंधों के अधीन रहते हुए, किसी ऐसी घटना, वृतांत या विषय से संबंधित कोई सूचना, जो उस तारीख से, जिसकी धारा 16 के अधीन कोई अनुरोध किया जाता है, बीस वर्ष पूर्व घटित हुई थी या हुआ था, उस धारा के अधीन अनुरोध करने वाले किसी व्यक्ति को उपलब्ध कराई जाएगी ।
परंतु यह किस जहाँ उस तारीख के बारे में, जिससे बीस वर्ष की उक्त अवधि को संगणित किया जाता है, कोई प्रश्न उद्भूत होता है, वहां इस अधिनियम में उसके लिए उपबंधित प्रायिक अपीलों के अधीन रहते हुए केंद्रीय सरकार का विनिश्चय अंतिम होगा ।
कतिपय मामलों में पहुंच के लिये अस्वीकृति के आधार – धारा 8 के उपबंधों पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना, यथास्थिति, कोई केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी या कोई राज्य लोक सूचना अधिकारी सूचना के किसी अनुरोध को वहां अस्वीकार कर सकेगा जहाँ पहुंच उपलब्ध कराने के लिये ऐसा अनुरोध राज्य से भिन्न किसी व्यक्ति के अस्तित्वयुक्त प्रतिलिप्याधिकार का उल्लंघन अन्तवर्लित करेगा ।
प्रथक्करणीयता – जहाँ सूचना तक पहुंच के अनुरोध को इस आधार पर अस्वीकार किया जाता है कि वह ऐसी सूचना के संबंध में है जो प्रकट किये जाने से छूट प्राप्त है वहां इस अधिनियम मे किसी बात के होते हुये भी, पहुंच अभिलेख के उस भाग तक उपलब्ध कराई जा सकेगी जिसमें कोई ऐसी सूचना अन्तर्विष्ट नहीं है, जो इस अधिनियम के अधीन प्रकट किये जाने छूट प्राप्त है और जो किसी ऐसे भाग से, जिसमें छूट प्राप्त सूचना अन्तर्विष्ट है, युक्तियुक्त रूप से पृथक् की जा सकती है ।
जहाँ उपधारा (1) के अधीन अभिलेख के किसी भाग तक पहुंच अनुदत्त की जा जाती है, वहाँ यथास्थिति, केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी या राज्य लोक सूचना अधिकारी निम्नलिखित सूचना देते हुये, आवेदक को एक सूचना देगा कि –
(क) अनुरोध किये गये अभिलेख का केवल एक भाग ही, उस अभिलेख से उस सूचना को जो प्रकट के छूट प्राप्त है, प्रथक् करने के पश्चात, उपलब्ध कराया जा रहा है;
(ख) विनिश्चय के लिये कारण, जिनके अंतर्गत तथ्य के किसी महत्वपूर्ण प्रश्न पर उस सामग्री के प्रति, जिस पर वे निष्कर्ष भी है;
(ग) विनिश्चय करने वाले व्यक्ति का नाम और पदनाम;
(घ) उसके द्वारा संगणित फीस के ब्यौरे फीस की वह रकम जिसकी आवेदक से निक्षेप करने की घोंषणा की जाती है; और
(ङ) सूचना के भाग को प्रकट न किये जाने के संबंध में विनिश्चय के पुनर्विलोकल के बारे में उसके अधिकार प्रभारित फीस की रकम या उपलब्ध कराया गया पहुंच का प्रारूप, जिसके अंतर्गत, यथास्थिति, धारा 19 की उपधारा (1) के अधीन विनिर्दिश्ट वरिष्ठ अधिकारी, या केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी या राज्य लोक सूचना अधिकारी की विशिष्टियाँ, समय-सीमा, प्रक्रिया और कोई अन्य पहुंच का प्ररूप भी है ।
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