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Sunday, 15 April 2018

Typing Dictation No :- 11 (45WPM)




अनुच्‍छेद 323क संसद को विधि द्वारा, संघ या किसी राज्‍य के क्रियाकलाप से संबंधित लोक सेवाओं या पदों के लिए भर्ती तथा नियुक्‍त व्‍यक्तियों की सेवा की शर्तों के संबंध में विवादों और परिवादों के प्रशासनिक अधिकरणों द्वारा न्‍यायनिर्णयन या विचारण के लिए उपबंध करने हेतु सशक्‍त करता है । विधि संघ के लिए एक प्रशासनिक अधिकरण और प्रत्‍येक राज्‍य या दो या अधिक राज्‍यों के लिए एक पृथ्‍क् प्रशासनिक अधिकरण की स्‍थापना के लिए उपबंध कर सकेगी । विधि सेवा मामले विषयक विवादों के न्‍यायनिर्णयन को सिविल न्‍यायालयों और उच्‍च न्‍यायालयों के हाथों से वापस ले सकेगी ।

अनुच्‍छेद 323क के उपबंधों के अनुसरण में, संसद ने संघ के लिए प्रशासिनक अधिकरण अर्थात केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण और राज्‍य के लिए पृथ्‍क प्रशासनिक अधिकरण या दो या अधिक राज्‍यों के लिए संयुक्‍त प्रशासनिक अधिकरण स्‍थापित करने के लिए प्रशासनिक अधिकरण अधिनयिम 1985 अधिनियमित किया । प्रशासनिक अधिकरणों की स्‍थापना करना आवश्‍यक हो गया चूंकि सेवा विषयक अधिकांश मामले विभिन्‍न न्‍यायालयों में लंबित थे । यह प्रत्‍याशा की गई कि प्रशासनिक अधिकरणों की स्‍थापना से न केवल न्‍यायालयों का बोझ कर होगा बल्कि व्‍यथित लोक सेवकों को शीघ्र अनुतोष भी उपलब्‍ध होगा ।

एक मामले में उच्‍चतम न्‍यायालय को संवैधानिक ठोस सिद्धांतों के अनुसार प्रशासनिक अधिकरणों को कार्यकरण सुनिश्चित करने के लिए कतिपय उपाय करने के निदेश दिए । संशोधनकारी अधिनियम द्वारा अधिनियम में परिवर्तन किए गए । अनुच्‍छेद 32 के अधीन उच्‍चतम न्‍यायालय की अधिकारिता को प्रत्‍यावर्तित किया गया । प्रशासनिक अधिकरणों के स्‍वरूप और अंतर्वस्‍तु विषयक कतिपय संशोधनों के अधीन रहते हुए एक मामले में अंतत: अधिनियम की संवैधानिक विधिमान्‍यता को कायम रखा गया । एक अन्‍य संशोधनकारी अधिनियम रखा गया । एक अन्‍य संशोधनकारी अधिनियम द्वारा सुझाए गए संशोधनों को अधिनियम में समाविष्‍ट किया गया । इस प्रकार, प्रशासनिक अधिकरण उच्‍च न्‍यायालयों का प्रभावी और वास्‍तविक स्‍थान प्राप्‍त किया ।

देश के विभिन्‍न उच्‍च न्‍यायालयों और अन्‍य न्‍यायालयों में लंबित मामलों के बोझ कम करने की दृष्टि से संसद ने प्रशासनिक अधिकरण अधिनियम, 1985 अधिनियम अधिनियमित किया था जो, जहां तक केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण से संबंधित इसके उपबंधों का संबंध है, 1 जुलाई 1985 को प्रवृत्‍त हुआ । केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण 2 अक्‍टूबर 1985 को स्‍थापित किया गया । केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण के न्‍यायपीठ संपूर्ण देश में 17 स्‍थानों पर स्थित हैं । राज्‍य प्रशासनिक अधिकरण की कतिपय राज्‍यों में स्‍थापित किए गए हैं ।

प्रशासनिक अधिकरणों की स्‍थापना संघ या किसी राज्‍य के अथवा सरकार के नियंत्रण के अधीन किसी स्‍थानीय या अन्‍य प्राधिकारी के अथवा सरकार के स्‍वामित्‍व या नियंत्रण के अधीन किसी निगम अथवा सोसायटी के कार्यकलाप से संबंधित लोक सेवाकों और पदों के लिए भर्ती तथा नियुक्‍त व्‍यक्तियों की सेवा की शर्तों से संबंधित विवादों के न्‍यायनिर्णयन के लिए की गई थी । यह संविधान संशोधन अधिनियम 1976 की धारा 46 द्वारा संविधान में अंत:स्‍थापित अनुच्‍छेद 323क के उपबंधों के अनुसरण में किया गया था ।


(Word Count - 453)

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