मानहानि – जो कोई या तो बोले गए या पढ़े जाने के लिए आशयित शबदों द्वारा या संकेतों द्वारा, या दृष्य रूपणों द्वारा किसी व्यक्ति के बारे में कोई लांछन इस आशय से लगाता या प्रकाशित कर्ता है कि ऐसे लांछन से ऐसे व्यक्ति की ख्याति की अपहानि की जाए या यह जानते हुए या विश्वास करने का कारण रखते हुए लगाता या प्रकाशित कर्ता है ऐसे लांछन से ऐसे व्यक्ति की ख्याति की अपहानि होगी, अपवादित दशाओं के सिवाय उसके बारे में कहा जाता है कि वह उस व्यक्ति की मानहानि कर्ता है ।
किसी मृत व्यक्ति को कोई लांछन लगाना मानहानि की कोटि में आ सकेगा यदि वह लांछन उस व्यक्ति की ख्याति की, यदि वह जीवित होता, अपहानि कर्ता और उसके परिवार या अन्य निकट सम्बन्धियों की भावनाओं को उपहत करने के लिए आशयित हो । किसी कम्पनी या संगम या व्यक्तियों के समूह के सम्बन्ध में उसकी वैसी हैसियत में कोई लांछन मानहानि की कोटि में आ सकेगा । अनुकल्प के रूप में, या व्यंगोक्ति के रूप में अभिव्यक्त लांछन मानहानि की कोटि में आ सकेगा । कोई लांछन किसी व्यक्ति की ख्याति की अपहानि करने वाला नहीं कहा जाता जब तक कि वह लांछन दूसरों की दृष्टि में प्रत्यक्षत: या अप्रत्यक्षत: उस व्यक्ति के सदाचारिक या बौद्धिक स्वरूप को हेय न करे या उस व्यक्ति की जाति के या उसकी आजीविका के संबंध में उसके शील को हेय न करे या उस व्यक्ति की साख को नीचे न गिराए या यह विश्वास न कराए कि उस व्यक्ति का शरीर घृणोत्पादक दशा में है या ऐसी दशा में है जो साधारण रूप से निकृष्ट समझी जाती है ।
‘क’ यह विश्वास कराने के आशय से कि ‘य’ ने ‘ख’ की घड़ी अवश्य चुराई है, कहता है, ‘’य एक ईमारदार व्यक्ति है, उसने ‘ख’ की घड़ी कभी नहीं चुराई है’’ । जब तक कि यह अपवादों में से किसी के अन्तर्गत न आता हो यह मानहानि है।
‘क’ से पूछा है कि ‘ख’ घड़ी किसने चुराई है । ‘क’ यह विश्वास कराने के आशय से कि ‘य’ ने ख की घड़ी चुराई है, ‘य’ की ओर संकेत कर्ता है जब तक कि यह अपवादों में से किसी के अन्तर्गत न आता हो, यह मानहानि है ।
‘क’ यह विश्वास करने के आशय से कि ‘य’ ने ‘ख’ की घड़ी चुराई है, ‘य’ का एक चित्र खींचता है जिसमें वह ‘ख’ की घड़ी लेकर भाग रहा है । जब तक कि यह अपवादों में से किसी के अंगर्तग न आता हो यह मानहानि है ।
(Word Count - 406)
(Word Count - 406)
No comments:
Post a Comment